A Review Of Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

ईश्वर की साधना के लिए की जाने वाली आरती आम तौर पर घरों में सुबह–शाम की जाती है लेकिन इसे दिन भर में एक से पांच बार की जा सकती है तथा आरती को हमेशा ऊंचे स्वर और एक ही लय ताल में गाया जाता है ऐसा करने पर पूजा स्थल का पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है और मन को सुकून देने वाला होता है।

चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,

लतन में ठाढ़े बनमाली, भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक,

मंदोदरी का जन्म से लेकर पूरी कथा

केवल और केवल भगवान के नाम और उनके ध्यान और उनकी भक्तों की कथा में ही

चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,

चंद्र – सी झलक, ललित छवि स्यामा प्यारी की

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।

गगन सम अंग weblink कांति काली, राधिका चमक रही आली,

agaḍa bama agaḍa bama ḍāka vāgē ḍamarū nācē unhappyā śiva āgē bhairava nācē guṇēśā nē nācē hanumāna pārvatī nā prāṇa nātha bhōḷā bhagavāna

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी have a peek at this web-sitecheck here की।

The name "Krishna" originates from the Sanskrit word Kṛṣṇa, which is mainly an adjective indicating "black", "dim", "darkish blue" or “the all beautiful”.

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